अगर तुम न होतीं (कविता)
लिखते लिखते बस यूँ ही खयाल आया..........
अगर ये लेखनी न होती तो मेरा क्या होता..............????
आजकल सुबह भी इसी से शुरू और रात भी इसी पे ख़त्म होती है
सुबह से शाम बस ये लेखनी ही मेरा पहला प्यार होती है।
ये न होती तो इन दर्दों पर दवा कौन लगाता,
मेरे मन का यूँ आप सब तक कौन पहुँचाता ???
ईश्वर की अनुकम्पा कहूँ इसे या आप सबका आशीष,
आजकल ये मेरी मित्र सी हो गई है एकदम ख़ास और अज़ीज़।
आजकल तो ये रोज शब्द रुपी नए रत्न निकलती है,
कागज़ कलम लेकर बैठूँ मैं और बस खुद ही सब लिख डालती है।
जो आजकल अनुभव कर रही हूँ शायद इसी को सुकून कहते हैं,
न जाने कुछ लोग मनोभाव व्यक्त किये बिना कैसे रहते हैं।
अब कोई दुःख दर्द ज्यादा समय टिकता नहीं ,
कागज़ कलम साथ हो तो आजकल आसपास कोई दिखता नहीं।
कुछ लोग हैं भी यहाँ जो लेखन में अड़ंगा लगाते हैं,
पर लिखती फिर भी जाती हूँ तो मेरे समक्ष ज्यादा नहीं टिक पाते हैं।
कुछ को मेरा ये सुकून बिल्कुल रास नहीं आता है पर,
जले तो जले दुनिया इसमें मेरा क्या जाता है??? :-)))
मेरे लिए तो यूँ लिखना अब जीवन की नई राह है,
आप बस मेरा मार्गदर्शन करें क्योंकि
अच्छा लिख पाना ही अब मेरी चाह है।
(स्वरचित) dj कॉपीराईट © 1999 – 2015 Google
अगर ये लेखनी न होती तो मेरा क्या होता..............????
आजकल सुबह भी इसी से शुरू और रात भी इसी पे ख़त्म होती है
सुबह से शाम बस ये लेखनी ही मेरा पहला प्यार होती है।
ये न होती तो इन दर्दों पर दवा कौन लगाता,
मेरे मन का यूँ आप सब तक कौन पहुँचाता ???
ईश्वर की अनुकम्पा कहूँ इसे या आप सबका आशीष,
आजकल ये मेरी मित्र सी हो गई है एकदम ख़ास और अज़ीज़।
आजकल तो ये रोज शब्द रुपी नए रत्न निकलती है,
कागज़ कलम लेकर बैठूँ मैं और बस खुद ही सब लिख डालती है।
जो आजकल अनुभव कर रही हूँ शायद इसी को सुकून कहते हैं,
न जाने कुछ लोग मनोभाव व्यक्त किये बिना कैसे रहते हैं।
अब कोई दुःख दर्द ज्यादा समय टिकता नहीं ,
कागज़ कलम साथ हो तो आजकल आसपास कोई दिखता नहीं।
कुछ लोग हैं भी यहाँ जो लेखन में अड़ंगा लगाते हैं,
पर लिखती फिर भी जाती हूँ तो मेरे समक्ष ज्यादा नहीं टिक पाते हैं।
कुछ को मेरा ये सुकून बिल्कुल रास नहीं आता है पर,
जले तो जले दुनिया इसमें मेरा क्या जाता है??? :-)))
मेरे लिए तो यूँ लिखना अब जीवन की नई राह है,
आप बस मेरा मार्गदर्शन करें क्योंकि
अच्छा लिख पाना ही अब मेरी चाह है।
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मेरे द्वारा इस ब्लॉग पर लिखित/प्रकाशित सभी सामग्री मेरी कल्पना पर आधारित है। आसपास के वातावरण और घटनाओं से प्रेरणा लेकर लिखी गई हैं। इनका किसी अन्य से साम्य एक संयोग मात्र ही हो सकता है।
मार्गदर्शन जरूर कीजिये नीचे टिप्पणी में जरूर बताएँ क्या-क्या कमियाँ हैं ?
और इसे भी देख लें http://lekhaniblogdj.blogspot.in/
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यह राह मजबूत बने, यही शुभकामना है
जवाब देंहटाएंसादर नमन,
हटाएंआपने अपनी व्यस्तताओं में भी समय निकाल कर इस ब्लॉग की और रुख किया उसके लिए ह्रदय से आभार। आगे भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहा तो ये राह जरूर मजबूत बन जाएगी।
pratidin is blog par kuch naya dekhne ki apeksha rahti he.
जवाब देंहटाएंमेरा भी यही प्रयास होता है कि रोज़ कुछ नया और रचनात्मक लिख पाऊँ। आपकी अपेक्षा पर खरा उतरने का भरपूर प्रयास करूंगी पापा।
हटाएंबहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन ग़ज़ल
जवाब देंहटाएं🙏🙏आभार आदरणीय
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