महक गई यूँ देखो मेरे जीवन की फुलवारी
आ गई मेरे आँगन में तू नन्हीं परी हमारी
एक सुकून तेरी भोली सूरत, तू दुनिया में सबसे खूबसूरत
तेरा कोमल स्पर्श ह्रदय स्पंदन, तेरा सानिध्य है जैसे सुगंध चन्दन
तू है मेरे आँगन का वो पारिजात स्वर्ग से धरती पर उतरा है जो मेरे लिए खास
मेरे आँगन की चहकती चिड़िया तू, तू ही रत्न कोहिनूर है
तू जब पास मेरे तो लगे हर गम मुझसे दूर है
रोहिणी की तपिश में सानवी, तू ही ठण्डी श्रावणी बयार
देखूँ तुझे तो मन करता है यूँ ही निहारूँ तुझे बारम्बार
मेरे जीवन संगीत का तू है इकतारा
मेरे लिए तो तू ही है नीलगगन का ध्रुवतारा
जब जब डाले तू मुझ पर स्नेह दृष्टि
लगता है मोह लुटा रही हो मुझ पर सारी सृष्टि
तू ही मेरी नन्ही सखी तू ही मेरी परछाई
मेरे मन की हर मुराद थी जैसे तुझमें ही समाई
तुझसे ही अब सारे सपने सारे सुख दुःख तुझसे ही
चाहे जो तू दूँ तुझे हमेशा दुआ भी रब से अब ये ही
अब ख्वाब एक ही आँखों में तुझसे दिल की हर बात कहूँ
हम मिलें ढेरों बातें हो कुछ तू कहे कुछ मैं सुनूँ
जो मिला मुझे न जीवन से जो भी अरमान अधूरे हैं
वो सबकुछ तुझको दे पाऊँ अब ये अरमान सुनहरे हैं
तू रहे स्वतंत्र हमेशा ही तुझपे न किसी की बंदिश हो
जो चाहे तू वो कर जाए जीवन में हर मुराद तेरी पूरी हो

आ गई मेरे आँगन में तू नन्हीं परी हमारी
अविस्मरणीय 13 जनवरी 2016 |
तेरा कोमल स्पर्श ह्रदय स्पंदन, तेरा सानिध्य है जैसे सुगंध चन्दन
तू है मेरे आँगन का वो पारिजात स्वर्ग से धरती पर उतरा है जो मेरे लिए खास
मेरे आँगन की चहकती चिड़िया तू, तू ही रत्न कोहिनूर है
तू जब पास मेरे तो लगे हर गम मुझसे दूर है
रोहिणी की तपिश में सानवी, तू ही ठण्डी श्रावणी बयार
देखूँ तुझे तो मन करता है यूँ ही निहारूँ तुझे बारम्बार
मेरे जीवन संगीत का तू है इकतारा
मेरे लिए तो तू ही है नीलगगन का ध्रुवतारा
जब जब डाले तू मुझ पर स्नेह दृष्टि
लगता है मोह लुटा रही हो मुझ पर सारी सृष्टि
तू ही मेरी नन्ही सखी तू ही मेरी परछाई
मेरे मन की हर मुराद थी जैसे तुझमें ही समाई
तुझसे ही अब सारे सपने सारे सुख दुःख तुझसे ही
चाहे जो तू दूँ तुझे हमेशा दुआ भी रब से अब ये ही
अब ख्वाब एक ही आँखों में तुझसे दिल की हर बात कहूँ
हम मिलें ढेरों बातें हो कुछ तू कहे कुछ मैं सुनूँ
जो मिला मुझे न जीवन से जो भी अरमान अधूरे हैं
वो सबकुछ तुझको दे पाऊँ अब ये अरमान सुनहरे हैं
तू रहे स्वतंत्र हमेशा ही तुझपे न किसी की बंदिश हो
जो चाहे तू वो कर जाए जीवन में हर मुराद तेरी पूरी हो
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सानवी |
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प्रिंसी |
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मेरे घर आई एक नन्ही परी |
रोहिणी की तपिश मे सानवी, तू ही ठण्डी श्रावणी बयार.
उत्तर देंहटाएं...... युँही निहारूँँ तुझे बारम्बार.👍
हटाएं:-) thanku papa
शुभ आशीष
उत्तर देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंबेटी को समर्पित एक प्यर भरी रचना की प्रस्तुति। बेटी के घर आगमन पर बहुत बहुत बधाई और बिटिया को ढेर सारा प्यार और आशीष।
उत्तर देंहटाएंआभार आदणीय आपका तो बच्चों से अटूट नाता है आपका स्नेह और आशीष बिटिया तक पहुंच गया है
हटाएंबहुत सुंदर.शुभकामनाएं !
उत्तर देंहटाएंआभार आदणीय
हटाएंप्यारी-सी नन्ही परी को ढेर सारी शुभकामनाएं ।
उत्तर देंहटाएंममत्वपूर्ण रचना ।
बहुत बहुत आभार आदणीय
हटाएंसानवी को ढेर सारा प्यार एवं शुभार्शिवाद!
उत्तर देंहटाएंआभार ज्योति जी
उत्तर देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति...बधाई, शुभकामनाएँ...शुभाशीष
उत्तर देंहटाएंआभार आदणीय
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 09 जुलाई 2016 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
उत्तर देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदणीया। अवश्य मेरा सौभाग्य होगा अन्य सुन्दर कृतियों को पढ़ना
उत्तर देंहटाएंनन्ही परी को ढेर सारी शुभकामनाएं ।
उत्तर देंहटाएंआभार आदणीय
हटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति...बधाई, शुभकामनाएँ.
उत्तर देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंबहुत सुन्दर ... बच्चे तो वैसे भी खुशियाँ ले के आते हैं ... आपकी अभिव्यक्ति कमाल की है ...
उत्तर देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए आभार आदरणीय :-)
उत्तर देंहटाएंकसम से बहुत ही उमदा प्यारी बिट्टू के लिए
उत्तर देंहटाएंशुभाशीष
उत्तर देंहटाएंaap sab ke likhne kay trika ka main fan hu
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