किसी भी लेखन शैली (काव्य, गद्य,पद्य )की ज्ञाता नहीं हूँ मैं। मुझसे तो बस मेरी लेखनी जो लिखवाएगी वही लिखती चली जाऊँगी।सदा...अनवरत...निरन्तर...दिव्या जोशी✒️