जीवन बगिया
आज जीवन पर हल्के - फुल्के अंदाज़ में एक कविता प्रस्तुत है
जीवन बगिया है ये,
न मिलेंगे सदैव फूल ,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
फुल स्पीड मे चलती जीवन गाड़ी में ,
कईं आएँगे स्पीड ब्रेकर,
स्लो होंगे तब पहिये इसके,
पर रुकेंगे कभी ये है तुम्हारी भूल।
भाई!
जीवन बगिया है ये,
न मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
कभी लगेगा हो नील सी ऊँचाई पर,
कभी पाओगे खुद को गर्त सी गहराई में, निराश न होना तब भी जब लगे,
जैसे हो तुम पैरों की धूल।
आखिर,
जीवन बगिया है ये ,
न मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
पतझड़ आया जो रुलाने,
तो हँसाने, तुम्हें खुशी मे भिगाने ,सावन भी जरूर आयेगा,
बस मत होना तुम कभी मगरूर।
अरे!
जीवन बगिया है ये,
न मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
कभी किसी पर प्रेम लुटेगा,
आक्रोश भी उठेगा संग कभी,गरम हो जाये दिमाग तुम्हारा तो,
कर लेना उसको झट से कूल।
मित्रों!
जीवन बगिया है ये ,
न मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
कभी मेले सा रहेगा जीवन में,
तो रहना होगा कभी तन्हा भी,उदासी ओढ़ न लेना मन पर,
तुम तब भी जीना खुशी से भरपूर।
क्योंकि
जीवन बगिया है ये तो,
न मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख सुख साथ चलेंगे,
तुम बस जीने में रहना मशगूल।
(स्वरचित) dj कॉपीराईट © 1999 – 2020 Google
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नारी का नारी को नारी के लिए http://lekhaniblogdj.blogspot.in/
आपकी कविता सकारात्मकता से ओतपोत है अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंदिव्या जी, बिलकुल सही कहा आपने। यही जिंदगी है, कभी धुप तो कभी छाँव। सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआभार ज्योति जी
हटाएंबहुत सरल शब्दो मे सार्थ्क अभिव्यक्ति, बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआभार जितेंद्र जी
हटाएंकलम से लिखने वाले कभी डरपोक नहीं होते इतिहास गवाह है कि लेखनी से सत्ता हिल जाती है और लिखने वाले पर अत्याचार तो आम है. सुंदर रचना के साथ प्रस्तुति अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएं:) जी आदरणीय।
हटाएंस्वागत के साथ बहुत बहुत आभार आपका इस और रुख करने के लिए
आशा है आपकी लेखनी से सलाहों और प्रतिक्रियाओं के मोती मार्गदर्शन के रूप
में आगे भी यहाँ बिखरते रहेंगे।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआभार चौधरी जी
हटाएंसही संदेश है :)
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय:)
हटाएंJivan Satya ko batane wali saral, sashakt rachna. :-)
जवाब देंहटाएंथैंक्यू पापा, आपका प्रोत्साहन ही नया करते रहने की प्रेरणा देता है।
हटाएंबहुत सुन्दर सन्देश । बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंह्रदय से बहुत बहुत आभार आदरणीय
हटाएंजीवन बगिया है ये,
जवाब देंहटाएंन मिलेंगे सदैव फूल,
न हमेशा रहेंगे शूल,
दुःख-सुख साथ चलेंगे,
प्रत्येक वस्तु की तरह जीवन के भी दो पहलू हैं।
अच्छी रचना ।
सही कहा आदरणीय। यहाँ पधारकर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु आपका हृदय से आभार
हटाएंदिव्याजी मैं आपको GoogleAdsenseEBook की एक प्रति भेजना चाहती हूँ। कृपया मेरी ईमेल ID anuragchoudhary35@yahoo.in पर अपनी ईमेल ID भेजें।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया आपके कहे अनुसार MAIL ID भेज दी है।
हटाएंacchi kavita :)
जवाब देंहटाएंTHANKU :)
हटाएंSundar Kavita......!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मनोज जी
हटाएंकभी मेले सा रहेगा जीवन में,
जवाब देंहटाएंतो रहना होगा कभी तन्हा भी,
उदासी ओढ़ न लेना मन पर,
तुम तब भी जीना खुशी से भरपूर।
वाह ! बहुत सुंदर.
आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार आदरणीय
हटाएंबेहतरीन !
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंजीवन बगिया में सब रंग आते जाते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया।
आभार आदरणीया
हटाएंसकारात्मक सोच से भरी बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुतं आभार आदरणीय
हटाएंजीवन की बगिया के बहु आयामी रंग अद्भुत है और सुंदर भावों को भी समाहित किये हुए है. आप सुंदर लिखती है. लिखती रहें शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग को ज्वाइन कर रही हूँ. धन्यबाद.
ये आप सभी गुणीजनों का बड़प्पन है जो आप हम जैसे अनुभवहीन नए ब्लॉगर्स का उत्साहवर्धन कर रहे हैं।
हटाएंबहुत बहुत आभार आपका।
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...
बहुत बहुतं आभार
हटाएंखूबसूरत...सार्थक सन्देश।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अभिषेक जी
हटाएंकभी मेले सा रहेगा जीवन में,
जवाब देंहटाएंतो रहना होगा कभी तन्हा भी,
उदासी ओढ़ न लेना मन पर,
तुम तब भी जीना खुशी से भरपूर। ..
सहज ही लिख दिया जीवन की इस रीत को ... सब कुछ खुद ही भोगना होता है और जीना भी होता है ... तो क्यों न जियें फुल साइज़ जिंदगी को ...
लाजवाब रचना है गहरा दर्शन समेटे ...
उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय
हटाएंVery nice post ...
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog on my new post.
Thanku sanju ji
हटाएंअच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंसही कहा आपने जीवन में फूल हैं कांटें भी हैं। दायां है तो बायां भी है। सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजी आदरणीया बहुत बहुत आभार
हटाएंकभी मेले सा रहेगा जीवन में,
जवाब देंहटाएंतो रहना होगा कभी तन्हा भी,
उदासी ओढ़ न लेना मन पर,
तुम तब भी जीना खुशी से भरपूर।
...यही जीवन जीने का सही रास्ता है...गहन जीवन दर्शन को बहुत सुन्दरता और सरलता से अभिव्यक्त किया है..
धन्यवाद आदरणीय आपका हृदय से बहुत बहुत आभार
हटाएंखूबसूरत रचना ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय
हटाएंउदासी ओढ़ न लेना मन पर,
जवाब देंहटाएंतुम तब भी जीना खुशी से भरपूर।
.............वाह ! बहुत सुंदर.
aabhar aadarneey
हटाएंSundar rachna
जवाब देंहटाएंthank you
हटाएंSundar rachna
जवाब देंहटाएंthanku
हटाएंSundar rachna
जवाब देंहटाएंVery Nice Divy@
जवाब देंहटाएंthank you
हटाएंपतझड़ आया जो रुलाने,
जवाब देंहटाएंतो हँसाने, तुम्हें खुशी मे भिगाने ,
सावन भी जरूर आयेगा,
बस मत होना तुम कभी मगरूर।
Beautiful Line Divya Ji
thank you shakir.
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