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3)रूह का रिश्ता: अनहोनियों की शुरुआत

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  कहानी का पहला और दूसरा एपिसोड पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 1 रूह का रिश्ता: एक अंधेरी रात रूह का रिश्ता:अतीत की यादें 3 रूह का रिश्ता: अनहोनियों की शुरुआत पिछले एपिसोड में अपने पढ़ा तृषा और अमर के परिवारों के बीच बहुत घनिष्ठता है। तृषा के पिता, अमर के पिता को व्यापार में आ रही परेशानियों से अवगत कराते हैं। अगले दिन से रायचंद जी के ऑफिस में लाल नीबू, मिर्ची, कीलों जैसी अजीबोग़रीब चीजें पड़ी मिलती हैं। जिसे देख वे सीसीटीवी कैमरा चेक करते हैं। तब उन्हें एक शख्स गेट पर गार्ड को पैसे देते हुए दिखाई देता है पर उसका फेस पूरी तरह कपड़े से कवर होता है। अब आगे यह सब देख रायचंद जी को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं होता एक मिनिट के लिए उन्हें लगा, जैसे उन्होंने पहले भी इस कद काठी के इंसान को कई बार करीब से देखा है। लेकिन चेहरा ढँका होने से वे पहचान नही पा रहे थे। आखिरी कौन हो सकता है वे तुरंत अपने गार्ड को बुलाकर पूछताछ करते हैं। दो तीन दफा वह घटना के विषय में कोई भी जानकारी होने से मना करता है परंतु उनके कठोरता से पूछताछ कर सीसीटीवी फुटेज दिखाने पर उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। गार्ड बताता है-