15) रूह का रिश्ता: मौत की परछाई

पिछले भाग पढ़ने के लिए लिंक पर टच करें। रूह का रिश्ता: एक अंधेरी रात रूह का रिश्ता:अतीत की यादें रूह का रिश्ता: अनहोनियों की शुरुआत रूह का रिश्ता: अनसुलझी पहेलियाँ रूह का रिश्ता: लम्हे खुशियों के रूह का रिश्ता: भूलभुलैया रूह का रिश्ता:राह-ए- कश्मीर रूह का रिश्ता: हादसों की शुरुआत रूह का रिश्ता: रहस्यों की पोटली रूह का रिश्ता:अनजानी परछाईयाँ रूह का रिश्ता:उलझती गुत्थियाँ रूह का रिश्ता: रहस्यों की दुनिया रूह का रिश्ता: एक अघोरी रूह का रिश्ता: बिगड़ते रिश्ते पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा तृषा एक बहुत बुरा भयानक सपना देख कर डर कर उठ जाती है। सपने में दिखे उस दृश्य को वह कैनवास पर उतार देती है। कॉलेज में पेंटिंग सबमिट कर वापस आते हुए रास्ते में उसके साथ कुछ अजीबोगरीब घटनाएँ होती हैं। घर आने पर रक्षा अमर को लेकर कुछ बातें करती है और नाराज हो खाना छोड़ अपने कमरे में बैठ जाती है। उसके पास अमर का फोन आता है और वह उन तीनों को अपने पास आने के लिए कहता है! अब आगे अमर की बात सुन रक्षा बेड पर बैठ रोने लगती है उसके आंसू अब भी नहीं थम रहे। वह समझ नहीं पाती कि कैसे दादी और तृषा को यह सब बातें ...