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5)रूह का रिश्ता: लम्हे खुशियों के

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पिछले भाग पढ़ने के लिए लिंक पर टच करें। रूह का रिश्ता: एक अंधेरी रात रूह का रिश्ता:अतीत की यादें रूह का रिश्ता: अनहोनियों की शुरुआत रूह का रिश्ता: अनसुलझी पहेलियाँ पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा, रायचंद भी फैक्ट्री में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं से परेशान होकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हैं। साथ ही अपनी मां और पत्नी को सारी घटना की जानकारी देते हैं। बच्चों को इन सब से दूर ही रखा जाता है।पुलिस उनके घर और ऑफिस में पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही एक दिन रात को अचानक 11:00 बजे सुरेश का फोन आता है, जो उन्हें उनके घर के बाहर बुला रहा होता है। अब आगे 5)रूह का रिश्ता: लम्हे खुशियों के सुरेश के पास आते ही रायचन्द ने  चिंतित हो पूछा- " क्या हुआ सुरेश!" "चलो बैठो!" सुरेश ने उन्हें अपने बाइक के पिछली सीट पर बैठने का इशारा देते हुए, बस इतना ही जवाब दिया। "अरे! जाना कहाँ है मगर!?","कार ले लेते हैं ।" "नहीं!! तुम चलो जल्दी अभी " कहकर जसने गाड़ी स्टार्ट कर दी। सोच विचार में गुम गाड़ी पर पीछे बैठे रायचंद को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उनसे रहा नहीं गया आखिर