मेरा क्या कसूर - episode 4

मेरा क्या कसूर एपिसोड 1 मेरा क्या कसूर एपिसोड 2 मेरा क्या कसूर एपिसोड 3 पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा अगले दिन प्रतीक का व्यवहार सामान्य होता है और ज्योति की बातों से अपने मन को आश्वस्त कर चिंता मुक्त हो प्रेरणा अपने ऑफिस चली जाती है। शाम को ऑफिस से निकलते वक्त प्रतीक का मैसेज आता है जिसमें परसों की टिकट बुक कराने को लेकर लिखा होता है। मैसेज पढ़ते ही तुरंत प्रेरणा की मां का भी फोन आ जाता है जिसे पहली बार में वह सोच विचार के कारण रिसीव नहीं कर पाती अब आगे- मेरा क्या कसूर - एपिसोड 4 दूसरी बार फोन फिर बज रहा है। उठाकर, कहूँ क्या? समझ नहीं आ रहा। पहले घर जाकर प्रतीक से चर्चा करुँगी। उनसे बात करने के बाद ही मेरे पास माँ को देने के लिए कोई जवाब होगा। पर माँ को फिलहाल टालना भी आसान नही है। कुछ सोचकर मैने आखिरकार फ़ोन रिसीव किया। हेलो! हां, मां! मैं रास्ते में ट्रैफिक में हूं। घर पहुंच कर आपको फोन करती हूं। अटक अटक कर एक एक शब्द मेरे मुंह से निकल रहा था। पर माँ को बोलने का कोई मौका दिए बिना जल्दी से अपनी बात कह कर मैंने फ़ोन काट दिया। ताकि माँ मुझसे कोई सवाल न कर प...