जीवन सारथि भाग-3

जीवन सारथि कहानी का यह तीसरा भाग है यदि आपने पिछले दो भाग नहीं पढ़े हैं तो यहां क्लिक कर उन्हें पढ़ सकते हैं जीवन सारथि भाग-2 जीवन सारथि भाग-1 जीवन सारथि भाग-3 राजश्री चाय के साथ कुछ बिस्किट्स और नमकीन ले आई। वह लड़की अब भी चुपचाप बैठी थी। शायद अभी भी वह घटना, वही दृश्य उसकी आँखों के सामने घूम रहा था। "तुम्हारा नाम क्या है?" चुप्पी तोड़ने और उसका ध्यान वहाँ से हटाने के उद्देश्य से राजश्री ने पूछा। "रानी" नज़रें झुकाये हुए ही धीरे से वह बोली। सुन्दर नाम है रानी। और मैं राजश्री हूँ। कमाल है न हम दोनों के नाम 'र' से शुरू होते हैं। "तुम मेरी दोस्त बनोगी ? " आश्चर्य मिश्रित भाव से रानी ने राजश्री को देखकर "हाँ" कह दिया। चलो पहले चाय पी लो कुछ खा लो फिर हम दोनों मिल कर आराम से बातें करेंगे। राजश्री माहौल को हल्का बना कर इसी प्रयास में लगी थी कि वह सब कुछ भूल जाए। पर मन के घाव भला इतनी जल्दी भरते हैं कहीं ? उसने राजश्री के कहने पर चाय का कप हाथ में ले लिया । फिर कुछ सोचकर, राजश्री को देखकर ब...