मेरे घर आई एक नन्हीं परी

महक गई यूँ देखो मेरे जीवन की फुलवारी आ गई मेरे आँगन में तू नन्हीं परी हमारी अविस्मरणीय 13 जनवरी 2016 एक सुकून तेरी भोली सूरत, तू दुनिया में सबसे खूबसूरत तेरा कोमल स्पर्श ह्रदय स्पंदन, तेरा सानिध्य है जैसे सुगंध चन्दन तू है मेरे आँगन का वो पारिजात स्वर्ग से धरती पर उतरा है जो मेरे लिए खास मेरे आँगन की चहकती चिड़िया तू, तू ही रत्न कोहिनूर है तू जब पास मेरे तो लगे हर गम मुझसे दूर है रोहिणी की तपिश में सानवी, तू ही ठण्डी श्रावणी बयार देखूँ तुझे तो मन करता है यूँ ही निहारूँ तुझे बारम्बार मेरे जीवन संगीत का तू है इकतारा मेरे लिए तो तू ही है नीलगगन का ध्रुवतारा जब जब डाले तू मुझ पर स्नेह दृष्टि लगता है मोह लुटा रही हो मुझ पर सारी सृष्टि तू ही मेरी नन्ही सखी तू ही मेरी परछाई मेरे मन की हर मुराद थी जैसे तुझमें ही समाई तुझसे ही अब सारे सपने सारे सुख दुःख तुझसे ही चाहे जो तू दूँ तुझे हमेशा दुआ भी रब से अब ये ही अब ख्वाब एक ह...