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तो फिर चाय हो जाए…?

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  1) कुछ ही लोगों से दोस्ती हमारी पक्की है,  यकीन मानिए उनमे चाय ही सबसे अच्छी है।  [23 जून2021] 2) ख़ुद से रुबरु हुए इक अरसा सा हो गया है, आज फिर चाय के कप की महक और पुरानी डायरी के शब्दों की कसक मेरे साथ है।(प्रतिलिपी की #वनलाइनर प्रतियोगिता के लिए लिखे संकलन में से एक।) [22 जून 2020] 3)  यूँ तो प्यार का कोई कनेक्शन कभी फेल नहीं होता,  मगर… चाय और कॉफ़ी पीने वालों का कभी मेल नहीं होता😊  (मेरी कहानी जीवन सारथि की पात्र राजश्री का मानना है।)  [15 जून 2020] 4) मुझे ये माहौल पसंद नहीं  ये चैं -चैं  पैं-पैं,ये शोरगुल, ये जोर-जोर से चिल्लाना , ये गाड़ी के हॉर्न को, पीं -पीं करके, देर तक जोर से बजाना, मुझे तो पसंद है बस, शांति में, कागज़ कलम लेकर बैठ जाना, सुबह सुबह, उन दो चिड़ियों का, यूँ प्यार से चहचहाना। दिमाग में विचार, और मुँह में चाय की चुस्की लेकर, चंद शब्दों को, कविता की माला में पिरो जाना। [1 अप्रेल 2015] 5) बरसती हों आंखें या हों बरसते बादल थाम लेती हूँ मैं तो बस तुम्हारा आँचल होठों पर मुस्कान हो तब भी तुम्हारी जरूरत बनी रहती है न मिले जिस दिन सुकून से तुम्हारा साथ, उस दिन रूठी सी मुझ