संदेश

मई 27, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

4)रूह का रिश्ता: अनसुलझी पहेलियाँ

चित्र
  पिछले भाग पढ़ने के लिए लिंक पर टच करें। रूह का रिश्ता: एक अंधेरी रात रूह का रिश्ता:अतीत की यादें रूह का रिश्ता: अनहोनियों की शुरुआत पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा रायचंद जी की फैक्ट्री में अजीबो गरीब भयावह घटनाएँ होने लगती हैं। जिससे वे बेहद घबराए हुए होते हैं। सुरेश से यह बात साझा करने पर वह इसे उनका वहम बताकर अपने काम में लगे रहने की सलाह देता है। कुछ समय सब कुछ शांति से चलता है। अचानक एक दिन सुबह सुबह उनका मैनेजर उन्हें फोन लगाता है। उसकी बात सुनकर राय चंद जी बहुत ज्यादा घबरा जाते हैं। और जिस अवस्था में है उसी अवस्था में फैक्ट्री के लिए जल्द से जल्द निकल जाते हैं। अब आगे 4 रूह का रिश्ता: अनसुलझी पहेलियाँ फैक्ट्री के अंदर काफ़ी देर से ढेर सारे लोगों का हुजूम जमा था। जो मैनेजर को घेरे हुए खड़ा था। जोर-जोर से चिल्ला कर अपने पैसों की वापसी की मांग कर रहा था।  मैनेजर ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की, कि वे आ रहे हैं आप सब बैठ जाइए। लेकिन  वे सब हंगामा मचाए हुए थे। जोर–जोर से चिल्ला रहे थे। "हमें बेवकूफ समझा है क्या!? तुम्हारे सेठ आए ना आए हमें कोई लेना देना नहीं। तुम बस हमें हमारे पै