मैं और मैं
#वनलाइनर
ख़ुद से रुबरु हुए इक अरसा सा हो गया है, आज फिर चाय के कप की महक और पुरानी डायरी के शब्दों की कसक मेरे साथ है [22 जून 2020]
सुकून से रहने दो ना यार ये सुकून ही तो मेरा खज़ाना है लड़की तो नए ज़माने की हूँ मैं पर अंदाज़ थोड़ा पुराना है.
[21 जून 2020]
माफ़ करना, नहीं दे पाऊंगी अब एक भी और कतरा, इन अश्क़ों का दरिया अब सूख सा गया है।
[21 जून 2020]
अच्छा है। कोशिश करो। निरन्तरता बनाये रखने की। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजी आदरणीय। धन्यवाद
हटाएंजीवन में जब हम मना करना सीख जाते हैं तो जीवन सरल होना शुरू हो जाता हैं।
जवाब देंहटाएंऔर यही सीखने में जन्मों लग जाते हैं
हटाएंबहुत शानदार।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंबहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंवाह ……बेहद शानदार
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
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