शोर से दूर …
खुद में मशहूर…
दिखे जहाँ,
स्वयं में अपना नूर…
हो ऐसा नया दस्तूर…
चल वहाँ जाते हैं।
द्वेष हो न जहाँ…
साथ खो न जहाँ…
कोई हो न जहाँ…
चल वहां जाते हैं।
रहें खुदी में मस्त…
कुरीतियाँ, जहाँ हो सके ध्वस्त…
"मण-भर" खुशी से आश्वस्त…
चल वहां जाते हैं।
मन तरंगिनियाँ खुल के लहराए…
उम्मीद अपना गीत गाए…
अपना चित्र आप बनाए…
चल वहाँ जाते हैं।
©® दिव्या जोशी
जहां गम भी ना हो, आंसू भी ना हों........................1
जवाब देंहटाएं😊😊😊🙏🙏🙏👍
हटाएं